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डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को 'मांग आधारित टेली कृषि सलाह' प्रदान करने के लिए समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

स्थान विशिष्ट 'मांग आधारित टेली कृषि सलाह' प्रदान करने के द्वारा किसानों की सुविधा के लिए 9 जून, 2021 को कृषि भवन, नई दिल्ली में , भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ने एक समझौते-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (आईसीएआर), श्री संजय कुमार सिंह, अतिरिक्त सचिव (डेयर) और सचिव (आईसीएआर) और श्री अभिषेक सिंह, प्रबंध निदेशक और सीईओ, डीआईसी ने की।

 Digital India Corporation & Indian Council of Agricultural Research signs MoU to provide ‘Demand Based Tele Agriculture Advisories’ to farmers

डॉ. एके सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, डॉ. विनय ठाकुर, वरिष्ठ निदेशक (अनुसंधान), डीआईसी, डॉ. अनिल राय, सहायक महानिदेशक (आईसीटी), आईसीएआर, डॉ. रणधीर सिंह पोसवाल , सहायक महानिदेशक (कृषि विस्तार), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, डॉ. टीएस अनुराग, प्रिंसिपल रिसर्च साइंटिस्ट, डीआईसी और श्री अंशुल पोरवाल, प्रिंसिपल सॉफ्टवेयर डेवलपर, डीआईसी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

इस समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य डीआईसी के मौजूदा इंटरएक्टिव इंफॉर्मेशन डिसेमिनेशन सिस्टम (आईआईडीएस) प्लेटफॉर्म को आईसीएआर के प्रस्तावित किसान सारथी कार्यक्रम के साथ एकीकृत करना और आईसीएआर नेटवर्क के माध्यम से इसके कार्यान्वयन के माध्यम से देश भर में  किसानों की बड़ी संख्या तक पहुंचाना है।



आईसीएआर और डीआईसी स्थानीय स्तर पर विभिन्न कृषि गतिविधियों का समर्थन करने के लिए एक मल्टी-मीडिया, मल्टी-वे एडवाइज़री और संचार प्रणाली की स्थापना और संचालन के लिए आईसीटी प्लेटफार्मों को विकसित और कार्यान्वित करने के लिए सहयोग करने पर सहमत हुए हैं। आरंभ करने के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में इंटरएक्टिव इंफॉर्मेशन डिसेमिनेशन सिस्टम (आईआईडीएस) को कार्यान्वित किया जाएगा जो एक पुश-एंड-पुल-आधारित प्रणाली है जिसमें मोबाइल फोन का उपयोग करके किसानों से कृषि संबंधी जानकारी ली जा सकती है। IIDS किसानों को केवल उन्हीं सेवाओं के लिए व्यक्तिगत आवश्यकता-आधारित जानकारी प्राप्त करने का विकल्प देता है, जिसके लिए उन्होंने सदस्यता ली है। बैकएंड के विशेषज्ञ किसानों के प्रश्नों का उत्तर देते समय उनके डेटाबेस तक पहुंच सकेंगे । इस तरह, किसानों द्वारा उठाई गई समस्याओं या क्षेत्र की समस्याओं को (KYF - नो योर फार्मर द्वारा) विशेषज्ञ बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और व्यक्तिगत रूप से किसान को उचित समाधान शीघ्र प्रदान करेंगे। वर्तमान में आईआईडीएस प्लेटफॉर्म को पूर्वोत्तर राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कार्यान्वित किया गया है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ इस समझौते-ज्ञापन के द्वारा पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा।

 

डीआईसी अपेक्षित आईसीटी प्लेटफॉर्म के विकास, होस्टिंग और प्रबंधन के लिए सहयोग के साथ संपूर्ण तकनीकी समाधान प्रदान करेगा। आईसीएआर, विभिन्न डोमेन विशिष्ट अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों के नेटवर्क आदि का कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के रूप में अपने विस्तार सेवा नेटवर्क के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से पूरी कार्यवाही का प्रबंधन और निगरानी करेगा।



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Last Modified: Wednesday 27-09-2023