उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले को भारत के 150 जिलों में से राष्ट्रीय योजना आयोग द्वारा सबसे वंचित क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है। मझवां क्लस्टर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मझवां की लगभग 25% आबादी अनुसूचित जाति - जनजाति के अंतर्गत आती है। इस क्षेत्र में लगभग 1300 स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) हैं जो जरी, कालीन / दारी, साड़ी की कारीगरी का काम में कार्यरत हैं। इस क्षेत्र के कार्य प्रतिरूप में कृषिकार्य और पशुपालन भी सम्मिलित हैं। "महिला स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से आजीविका संवर्धन और विकास के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग" परियोजना मझवां ब्लॉक में विकास और आजीविका एवं ज्ञान वृद्धि के लिए समाधान प्रदान करने की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पर आधारित एक पहल है। इसके लिए ब्लॉक में उपयुक्त हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के साथ एक संसाधन केंद्र (आईसीटीआरसी) भी स्थापित किया गया है।
व्यापक उद्देश्य : क्षमता निर्माण : Chic™ का उपयोग करते हुए डिजिटल डिजाइनिंग - शिल्प के लिए कैड उपकरण खाद्य प्रसंस्करण (फ़ूड प्रोसेसिंग) / संरक्षण (फलों और सब्जियों का मूल्य संवर्धन), डेयरी विकास और किचन गार्डनिंग में मल्टीमीडिया कंटेंट का उपयोग करके संसाधन योजना सूची / स्टॉक प्रबंधन का उपयोग करना और स्वयं-सहायता समूहों को ई-कॉमर्स और डिजिटल सहित मुख्य-धारा बाजार से जोड़ना तथा हैंडहेल्ड डिवाइस पर मल्टीमीडिया सामग्री के माध्यम से बुनियादी स्वास्थ्य मुद्दों पर विपणन (डिजिटल मार्केटिंग) के लिए जागरूकता बढ़ाना।